Launch vehicle of Space Docking Experiment Mission is ready | ISRO ने SPADEX मिशन का लॉन्च व्हीकल तैयार किया: सक्सेसफुल लॉन्चिंग पर स्पेसक्रॉफ्ट की डॉकिंग-अंडॉकिंग टेक्निक मिलेगी, ऐसा करने वाला चौथा देश होगा
बेंगलुरु4 मिनट पहले
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ISRO के मुताबिक SPADEX मिशन में दो छोटे अंतरिक्ष यान SDX01 और SDX02 शामिल हैं।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने शनिवार को बताया कि उसने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SPADEX) मिशन का लॉन्च व्हीकल तैयार कर लिया है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में पहले लॉन्च पैड पर रखा गया है।
ISRO के मुताबिक SPADEX का मोटिव स्पेस में स्पेसक्रॉफ्ट (PSLV-C60) की डॉकिंग (जुड़ना) और अंडॉकिंग (अलग होना) के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी डेवलप करना है। इसमें इंडियन मून मिशन, मून सैंपल कलेक्शन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) को बनाना और ऑपरेट करना शामिल है।
ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा- PSLV-C60 मिशन स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SPADEX) का प्रदर्शन करने जा रहा है। रॉकेट तैयार है, हम इसकी लॉन्चिंग की तैयारी के लास्ट फेज में हैं। दिसंबर के आखिर में ये लॉन्चिंग हो सकती है।
स्पेस में डॉकिंग टेक्निक तब जरूरी होती है जब नॉर्मल मिशन टारगेट को पाने के लिए कई रॉकेट को लॉन्च करने की जरूरत होती है। अगर भारत इसमें सफल होता है तो वो ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
SPADEX मिशन में दो छोटे स्पेसक्रॉफ्ट शामिल
ISRO के मुताबिक SPADEX मिशन में दो छोटे स्पेसक्रॉफ्ट SDX01 और SDX02 (लगभग 220-220 KG) शामिल हैं। इन्हें PSLV-C60 से इंडिपेंडटली एक साथ 470 KM के सर्कुलर ऑर्बिट में 55° के झुकाव पर लॉन्च किया जाएगा, जिसका लोकल टाइम साइकिल लगभग 66 दिन की होगी।
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