Bhagwat said- Temple-mosque dispute is being raised every day | भागवत बोले- हर दिन मंदिर-मस्जिद विवाद उठाया जा रहा: ये सही नहीं; कुछ लोगों सोचते हैं ऐसा करके हिंदुओं के नेता बन जाएंगे
पुणे2 मिनट पहले
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई। भागवत ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वे ऐसे मुद्दे उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बन जाएंगे। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
भागवत बोले- भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं। हम लंबे समय से सद्भावना के साथ रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना देना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है।
भागवत ने किसी का नाम लिए बिना कहा- ये स्वीकार नहीं पुणे में सहजीवन व्याख्यानमाला में भारत-विश्वगुरु पर व्याख्यान देते हुए भागवत ने ये बातें कहीं। उन्होंने किसी विशेष स्थान का नाम लिए बिना कहा, “हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया।
भागवत बोले- राम मंदिर इसलिए बना क्योंकि वो आस्था से जुड़ा था भारतीय समाज की बहुलता पर प्रकाश डालते हुए भागवत ने कहा कि क्रिसमस रामकृष्ण मिशन में मनाया जाता है, उन्होंने कहा कि “केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं”।
उन्होंने कहा, “हम लंबे समय से सद्भावना के साथ रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना देना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का मामला था।
RSS प्रमुख ने कहा- अब देश संविधान के अनुसार चलता है भागवत ने आगे कहा- बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए। लेकिन अब देश संविधान के अनुसार चलता है। इस व्यवस्था में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो सरकार चलाते हैं।
राम मंदिर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह तय किया गया था कि अयोध्या में राम मंदिर हिंदुओं को दिया जाना चाहिए, लेकिन अंग्रेजों ने इसे भांप लिया और दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा कर दी। तब से, अलगाववाद की यह भावना अस्तित्व में आई। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान अस्तित्व में आया।
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