Chennai Temple Hundi iPhone Dropped Case | Arulmigu Kandaswamy | दानपेटी में गिरा आईफोन, मंदिर ने अपनी संपत्ति बताई: युवक ने फोन मांगा तो मंदिर प्रशासन बोला- अब यह भगवान की, सिम कार्ड और डेटा ले लो
चेन्नई2 मिनट पहले
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अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर थिरुपुरुर से 40 किलोमीटर दूर केलांबक्कम के रास्ते पर है।
तमिल फिल्म ‘पालयथम्मन’ में एक महिला गलती से अपने बच्चे को मंदिर की ‘हुंडी’ (दान पेटी) में गिरा देती है और बच्चा ‘मंदिर की संपत्ति’ बन जाता है। ऐसी ही घटना चेन्नई के पास थिरुपुरुर के अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर में हुई है।
दरअसल, विनयागपुरम के रहने वाले एक भक्त दिनेश का आईफोन गलती से मंदिर की दान पेटी में गिर गया। आईफोन वापस मांगने के लिए उन्होंने मंदिर प्रशासन से संपर्क किया। हालांकि, उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
मंदिर के अधिकारियों ने दिनेश से कहा कि हुंडी में मिली कोई भी चीज भगवान की होती है। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने उन्हें सिम कार्ड देने और फोन से डेटा डाउनलोड करने की पेशकश की।
मंदिर की तीन तस्वीरें…
अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और बंदोबस्ती बोर्ड के अंडर है।
अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर चेन्नई के प्रमुख मंदिरों में शामिल है।
दिनेश बोले- दान के लिए पैसा निकाल रहा था, फोन ही गिर गया दिनेश एक महीने पहले परिवार के साथ मंदिर गए थे। पूजा के बाद वे दान पेटी में पैसे डालने गए थे। जब वह अपनी शर्ट की जेब से नोट निकाल रहे थे, तो उनका आईफोन गलती से दान पेटी में गिर गया। चूंकि दान पेटी ऊंचाई पर रखी हुई थी, इसलिए वह फोन नहीं निकाल पाए। घबराए हुए दिनेश ने मंदिर के अधिकारियों से संपर्क किया।
दो महीने में एक बार खुलती है दान पेटी मामला नवंबर का है, लेकिन दिनेश शुक्रवार, यानी 20 दिसंबर को अपना आईफोन लेने मंदिर पहुंचे थे। दरअसल, मंदिर के नियम के मुताबिक दान पेटी दो महीने में एक बार खोली जाती है। दिनेश ने मंदिर प्रशासन से अपने फोन गिरने की शिकायत दर्ज कराई। उन्हें दिसंबर में आने को कहा गया।
मंदिर प्रशासन बोला- चढ़ावे के बाद इरादा तो नहीं बदला, स्पष्ट नहीं मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी कुमारवेल ने कहा कि दिनेश का आईफोन दान पेटी में गिरा था, उन्होंने चढ़ाया था या चढ़ावे के बाद उन्होंने अपना विचार बदल दिया। यह स्पष्ट नहीं है। दान पेटी में मिली किसी भी चीज को मंदिर और देवता का मानने की परंपरा का पालन किया जाएगा। इसलिए फोन मंदिर प्रशासन के पास ही रहेगा।
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