big statement of bihar governor for india independance; bhaskar latest news | ‘सत्याग्रह नहीं, हथियार देखकर भागे अंग्रेज’: बिहार के राज्यपाल बोले- समय आ गया सही इतिहास लिखा जाए, RJD बोली- गांधी के विचार खत्म करना चाहती है भाजपा – Patna News
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि ‘ब्रिटिश शासकों ने सत्याग्रह के कारण नहीं, बल्कि भारतीयों के हाथों में हथियार देख कर भारत छोड़ा था। उन्हें एहसास हो गया था कि भारत के लोग आजादी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’ शुक्रवार को गोव
.
राज्यपाल आर्लेकर में कहा कि ‘ब्रिटिशर्स ने एक कहानी गढ़ने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम हथियारों के बिना नहीं लड़ा गया। अंग्रेज सत्याग्रह के कारण भारत नहीं छोड़कर गए।’
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि ‘असली इतिहास सामने आना चाहिए।’
सही इतिहास को सामने आना चाहिए
राज्यपाल ने कहा कि अब समय आ गया है, बिना किसी से डरे इतिहास के बारे में सही परिप्रेक्ष्य सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद ने एक कहानी गढ़ी थी कि आप गुलाम बनने के लिए पैदा हुए हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी इसका समर्थन किया था।
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आनंदिता सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “भारत के उत्तर पूर्व में स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त इतिहास (1498 से 1947)” पर यह टिप्पणी की।
राज्यपाल शुक्रवार को गोवा में एक किताब के विमोचन में पहुंचे थे।
गोवा का भी सच सामने आए
गोवा के रहने वाले आर्लेकर ने कहा, ‘गोवा की खोज क्या है? अगर हम इसे सामने लाने की कोशिश करते हैं तो गोवा में कुछ लोग परेशान हो जाते हैं। उन्हें दर्द होता है। क्या हमें यह नहीं बताना चाहिए कि आपकी जड़ें क्या हैं? उन्होंने कहा कि हमें किसी से डरे बिना अपनी बात कहनी होगी।
बीजेपी ने किया राज्यपाल के बयान का समर्थन
पहले भी गांधी पर एक और उपराज्यपाल सवाल उठा चुके हैं
दो साल पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर की ITM यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांधी जी डिग्री पर सवाल उठाया था। उन्होंने एक पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा था-गांधीजी सिर्फ हाई स्कूल डिप्लोमा किए थे। अब यहां बैठे लोग मुझसे सवाल करेंगे तो मैं यह बात पूरे तथ्यों के साथ कह रहा हूं, इसका आधार है मेरे पास।
गांधी जी ने किया था सत्याग्रह आंदोलन भारत को आजादी दिलाने के लिए महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया था। अहिंसा के माध्यम से वह अंग्रेजों का विरोध करते थे।
गांधी जी के 3 मुख्य सत्याग्रह
चंपारण सत्याग्रहः 1917 में बिहार के चंपारण से गांधी जी ने भारत का पहला सत्याग्रह शुरू किया था। इस आंदोलन में गांधीजी ने किसानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध किया था। इस आंदोलन के बाद सरकार ने तिनकठिया प्रणाली को खत्म कर दिया था।
दांडी मार्चः 1930 में अंग्रेजों के नमक कानून के खिलाफ गांधीजी ने अपने 79 साथियों के साथ 240 मील यानी 386 किलोमीटर की यात्रा की थी। इस यात्रा के बाद उन्होंने दांडी पहुंचकर समुद्र के किनारे नमक बनाया था।
खेड़ा सत्याग्रहः इस सत्याग्रह में गांधीजी ने जमींदारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का नेतृत्व किया था। इस संघर्ष के बाद अंग्रेजों ने राजस्व संग्रहण से मुक्ति देकर सभी कैदियों को रिहा कर दिया था।
——————————————————————————————————————————————–
ये खबर भी पढ़िए…
बेगूसराय में जाति पूछने वालों पर राज्यपाल ने किया कटाक्ष:कहा-आज जाति पर राजनीति हो रही है, दिनकर की रचनाओं का हो डिजिटलाइजेशन
बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जाति पूछने वालों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि आज जाति पर राजनीति हो रही है। राजनीति में जाति पूछी जा रही है। महाभारत में कर्ण से भरी सभा में जाति पूछा गया था, जिसपर दिनकर ने रश्मिरथी में लिखा है- जाति पूछने वाले जगत में शर्माते नहीं हैं। सोमवार को राज्यपाल बेगूसराय के सिमरिया उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती समारोह में पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़िए
Source link