India Air Force Fighter Jet Pilot Shortage | China Pakistan Border | एयरफोर्स में फाइटर जेट्स-पायलटों की कमी: तेजस जेट की डिलीवरी 2028 तक; 114 फाइटर जेट की डील पेंडिंग; सरकार ने कमेटी बनाई
नई दिल्ली2 मिनट पहले
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इंडियन एयरफोर्स में एडवांस 4.5 जेनरेशन वाले फाइटर प्लेन की कमी से जूझ रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने इंडियन एयरफोर्स (IAF) में फाइटर जेट्स और पायलटों की कमी को दूर करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई है। डिफेंस सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी फाइटर जेट्स की देशी डिजाइन, उनके निर्माण और विदेशी प्रोजेक्ट्स पर नजर रखेगी। बता दें, सरकार के पास 114 फाइटर जेट खरीदने की डील पेंडिंग है।
एयरफोर्स ने HAL को 83 तेजस मार्क-1ए बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। लेकिन अमेरिकी कंपनी की इंजन भेजने में देरी के कारण HAL 2028 तक डिलीवरी कर पाएगी।
एयरफोर्स ने पिछले महीने दिल्ली में हुए वायुसेना कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें फाइटर जेट्स की जरूरत और चीन व पाकिस्तान की तैनाती के बारे में बताया था। एयरफोर्स की जरूरतों को पूरा करने और पाकिस्तान व चीन के खतरे से निपटने की तैयारी के लिए यह कमेटी बनाई है।
इस कमेटी में डिफेंस सेक्रेटरी (प्रोडक्शन) संजीव कुमार, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत और वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल टी. सिंह को शामिल किया गया है। कमेटी दो से तीन महीने में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
कैग की रिपोर्ट- IAF में पायलट की कमी वहीं, कैग रिपोर्ट ने इंडियन एयरफोर्स में पायलटों की कमी के आंकड़ें बताए हैं। फरवरी 2015 में 486 पायलटों की कम थी, जो 2021 के अंत तक 596 हो गई। जबकि 2016 से 2021 के बीच 222 ट्रेनी पायलटों को भर्ती करने का प्लान था लेकिन वायुसेना टारगेट अचीव नहीं कर पाई।
HAL के पास तेजस का ऑर्डर इंडियन एयरफोर्स ने फरवरी 2021 में 46 हजार 898 करोड़ के सिंगल इंजन वाले 83 तेजस फाइटर जेट्स बनाने का काम हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दिया है। लेकिन अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक ने तेजस एलसीए मार्क 1ए के इंजन नहीं भेजे जिससे HAL इनकी सप्लाई में देरी कर रही है। HAL, 2024-25 वित्तीय वर्ष में एयरफोर्स को 16 तेजस देने वाली थी लेकिन अब 2-3 जेट्स ही दे पाएगी। सरकार 67 हजार करोड़ के 97 तेजस जेट्स के निर्माण की योजना भी बना रही है। स्वदेशी तेजस मार्क-1ए को पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। पूरी खबर पढ़ें…
4.5 जेनरेशन के जेट्स की कमी इंडियन एयरफोर्स के पास 4.5 जेनरेशन के जेट्स की कमी है। इस जेनरेशन के 1.25 लाख करोड़ कीमत के 114 फाइटर जेट खरीदने का प्रोजेक्ट सरकार के पास पेंडिंग है। जिसमें से कुछ जेट विदेश से लिए जाएंगे और बाकी के लिए कमेटी देश में ही निर्माण का सुझाव दे सकती है। सरकार की इन जेट्स की तैनाती चीनी बॉर्डर पर करने की योजना है।
राफेल में लग सकती हैं तीन तरह की मिसाइलें वायुसेना के पास फिलहाल 4.5 जेनरेशन वाले 36 राफेल जेट हैं। जिन्हें सरकार ने 2016 में फ्रांस से खरीदा था। राफेल को अपनी स्पीड, हथियार ले जाने की क्षमता और आक्रमण क्षमता की वजह से जाना जाता है। ये सिंगल और डुअल सीटर दोनों विकल्पों के साथ आता है। भारत ने 28 सिंगल और 8 डुअल सीटर राफेल खरीदे हैं। राफेल की मारक रेंज 3,700 किलोमीटर है। इसमें तीन तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियॉर, हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प और हैमर मिसाइल।
राफेल स्टार्ट होते ही महज एक सेकेंड में 300 मीटर ऊंचाई पर पहुंच सकता है। यानी एक ही मिनट में राफेल 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। इसका रेट ऑफ क्लाइंब चीन-पाकिस्तान के पास मौजूद आधुनिक फाइटर प्लेन्स से भी बेहतर है।
चीन-पाकिस्तान से खतरा बढ़ा
- पिछले कुछ महीनों में चाइनीज एयरफोर्स ने भारतीय वायुसीमा से जुड़े एयरबेसों होतान, काश्गर, गरगुंसा, शिगात्से, बांगडा, निंगची और होपिंग पर नए रनवे, शेल्टर, फ्यूल और आर्म्स स्टोरेज को बढ़ाया है। साथ ही फाइटर जेट्स, ड्रोन और बॉम्बर (बम गिराने वाले जेट्स) तैनात किए हैं।
- चीन, पाकिस्तान एयरफोर्स को आर्म्स सप्लाई कर रहा है और बांग्लादेश को भी फाइटर जेट्स देने की तैयारी में है। चीन के पास एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल्स के हथियारों की संख्या भी भारत से ज्यादा है।
- चीनी के पास जमीन से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइल की रेंज भी इंडियन एयरफोर्स के पास मौजूद मिसाइल सिस्टम से कहीं ज़्यादा है।
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