Sanjay Raut Bungalow Security Case Update | Mumbai | शिवेसना यूबीटी नेता संजय राउत के बंगले की रेकी: कर्मचारी बोले- बाइक पर दो युवकों ने बंगले के फोटो खीचें; पुलिस जांच में जुटी
मुंबई4 मिनट पहले
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संजय राउत शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद है।
शिवसेना (उद्धव) के नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत के बंगले की रेकी किए जाने का दावा किया गया है। बंगले पर तैनात कर्मचारियों ने शुक्रवार को भांडुप पुलिस थाने में शिकायत की।
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार सुबह 9 बजे संजय के बंगले (मैत्री) पर बाइक सवार दो लोग पहुंचे। दोनों ने बंगले के कुछ फोटो खींचे, कुछ देर वहां रुके और चले गए।
बंगले की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों और अन्य लोगों ने बाइक सवारों देखा तो इसकी जानकारी संजय के भाई सुनील राउत को दी। वे इलाके के विधायक हैं।
जानकारी मिलने पर पुलिस को बंगले पर पहुंची। वहां लगे सीसीटीवी में बाइक सवार नजर आए हैं। पुलिस ने कहा- मामले की जांच शुरू की गई है। फिलहाल केस दर्ज नहीं कराया गया है।
पुलिस ने कहा कि जांच में कुछ गंभीर पाया जाता है तो केस दर्ज किया जाएगा। संजय राउत उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के सीनियर लीडर हैं। 2022 में । वे पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता भी हैं।
कभी मुंबई के टॉप क्राइम रिपोर्टर थे संजय राउत
राजनीति में आने से पहले संजय राउत क्राइम रिपोर्टर हुआ करते थे। लोकप्रभा पत्रिका से करियर की शुरुआत करने वाले संजय राउत को अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग का एक्सपर्ट माना जाता था। दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड पर लिखी उनकी रिपोर्ट्स की मुंबई में खूब चर्चा हुआ करती थी।
राउत के लिए कहा जाता है कि वे क्राइम रिपोर्टर होने के बावजूद कभी पुलिस चौकी नहीं गए और न ही कभी किसी खबर को लेकर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। क्राइम रिपोर्टिंग करने वाले राउत की खबरों का सूत्रधार हुआ करता था दाऊद।
चर्चा यह भी है कि दाऊद इब्राहिम कई बार संजय राउत को खबरें देने के लिए एक्सप्रेस टॉवर आया करता था। दोनों यहां की कैंटीन में बैठकर बातचीत किया करते थे। यह बात 1993 ब्लास्ट में दाऊद का नाम आने से कई साल पहले की है।
16 जनवरी 2020 को पुणे में एक कार्यक्रम में संजय राउत ने खुद यह कबूला था कि दाऊद से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा था, ‘दाऊद इब्राहिम को मैंने देखा था, उससे बात भी की है। एक बार तो मैंने उसे फटकार भी लगाई थी।’
बालासाहेब ने कराई थी राजनीति में एंट्री
रिपोर्टिंग की दुनिया में राउत का नाम बड़ा होता गया और वे बालासाहेब ठाकरे की नजरों में आए थे। इसके बाद उनका मातोश्री पर आना-जाना बढ़ा था।
बालासाहेब ठाकरे ने 29 साल के राउत को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का कार्यकारी संपादक बनने का ऑफर दिया था। वे इस ऑफर को राउत ठुकरा नहीं सके। तब से संजय इसके कार्यकारी संपादक हैं।
बालासाहेब के जाने के बाद वे उद्धव ठाकरे के करीब आए थे। 2004 में शिवसेना के टिकट से राज्यसभा पहुंचे। यहां वे शिवसेना के लीडर भी थे। राउत संसदीय और गृह विभाग से जुड़ी कमेटी के मेंबर भी रहे हैं।
2005 से 2009 के बीच राउत सिविल एविएशन मंत्रालय की कंसल्टेंसी कमेटी के सदस्य भी थे। राउत दूसरी बार 2010, फिर 2016 में और अब 2022 में लगातार शिवसेना की ओर से राज्यसभा के सांसद हैं।
लगातार चार बार सांसद रह चुके संजय सक्रिय तौर पर 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद एक्टिव हुए। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA), यानी शिवसेना, कांग्रेस और NCP की संयुक्त सरकार बनवाने में संजय राउत का बड़ा हाथ था।
2019 में जिस तरह से उद्धव ने कांग्रेस और NCP के साथ मिलकर सरकार बनाई, उसके बाद से राउत को शिवसेना का ‘थिंक टैंक’ कहा जाने लगा था।
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