I kept looking for my sister since morning, I found her in the mortuary | जयपुर LPG ब्लास्ट- बिछिया से पहचानी बहन की लाश: 95% जले युवक ने खुद चाचा को काॅल किया, सिर से पैर तक जले शव देख घरवाले बेहोश – Rajasthan News
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ये दर्द है बसराम मीणा का। इनकी बहन अनीता जयपुर में LPG टैंकर ब्लास्ट का शिकार हो गई। शुक्रवार को जयपुर का एसएमएस हॉस्पिटल दिनभर हादसे में झुलसे लोगों की चीखों और उनके अपनों के रोने की आवाज से गूंजता रहा था। किसी भाई की राखी की डोर टूट गई तो किसी पत्नी का सुहाग उजड़ गया। कई पीड़ितों की हालत ऐसी थी कि उन्हें देख घरवाले बेहोश हो गए।
फेसबुक पर वीडियो देखकर घटना के बारे में पता चला कन्हैया मीणा की पत्नी अनिता राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी (RAC) में जॉब करती हैं। दो बच्चे स्वस्ति और कुशाल मीणा हैं। कन्हैया ने बताया कि सुबह हंसती-मुस्कुराती घर से निकली थी। हमें तो हादसे की खबर तक नहीं थी। फेसबुक पर वीडियो देखा तो पता चला। घायलों में एक महिला होने और हादसे वाली जगह के बारे में सुनकर घबराहट हुई। अनीता को कॉल लगाया तो उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। मन बेचैन हो गया कि कहीं न कहीं कुछ गलत हुआ है। पहले प्राइवेट हॉस्पिटल और फिर एसएमएस हॉस्पिटल में गए, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला।
अनीता के भाई बसराम ने बताया कि परिवार के लोग सुबह 6.30 बजे से ढूंढ रहे थे। वार्ड और एसएमएस हॉस्पिटल की इमरजेंसी में भी उनके बारे में पता नहीं चला। फिर हम मोर्च्युरी में गए। मन ही मन सब प्रार्थना कर रहे थे कि यहां भी बहन के बारे में कुछ पता न चले।
मैं शिनाख्त कर रहा था। वहां एक शव पड़ा था, सिर से पैर तक जला हुआ। पैरों में पहनी बिछिया पर नजर गई तो सारी उम्मीदें टूट गईं। वो शव मेरी बहन का था।
बसराम ने पैरों में पहनी बिछिया से अपनी बहन के शव की शिनाख्त की।
जलने के बाद भी खुद कॉल कर चाचा को दी हादसे की सूचना एसएमएस हॉस्पिटल में हमारी नजर बेसुध बैठे एक व्यक्ति पर गई। बातचीत की तो उन्होंने अपना नाम सीताराम चौधरी बताया। उनका भतीजा राधेश्याम हादसे में 95% जल गया। सीताराम ने बताया कि उनका भतीजा राधे रोज की तरह अपने गांव बालमुकुंदरपुरा नाडा से काम पर जाने के लिए निकला था।
अजमेर रोड पर टोल टैक्स नाके के पास अचानक आगे चल रहे टैंकर में ब्लास्ट हो गया। विस्फोट से फैली आग के सीधा चपेट में आने से राधेश्याम बुरी तरह झुलस गया। इसके बावजूद वह किसी तरह हिम्मत जुटाकर ब्लास्ट वाली जगह से दूर गया। वहां से कॉल कर अपने चाचा काे सूचना दी।
सीताराम ने बताया- सूचना मिलते ही मैं मौके पर पहुंच गया। हादसे के बाद लगे जाम के कारण एंबुलेंस भी देर से पहुंची। आधा घंटा बाद राधे को अपनी गाड़ी से लेकर पहले मानसरोवर के साकेत हॉस्पिटल पहुंचा। वहां से उसे एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया।
सीताराम ने आरोप लगाया कि एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचने के बाद भी भतीजे को समय से इलाज नहीं मिला। उसकी गंभीर हालत देखकर मैंने वहां मौजूद डॉक्टरों से जल्दी इलाज शुरू करने की गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इलाज के दौरान दोपहर करीब 1 बजे राधेश्याम ने दम तोड़ दिया।
सीताराम चौधरी ने आरोप लगाया कि एसएमएस पहुंचने के बाद भी उनके भतीजे का इलाज समय पर शुरू नहीं हुआ।
हाथ जोड़कर अंदर से वीडियो मंगवाया, तब हुई तसल्ली फौजीराम ने बताया कि उनका भांजा कपिल कुमार बिजनेस के सिलसिले में उदयपुर गया था। कपिल हरियाणा के नारनौल का रहने वाला है। वापस स्लीपर बस में आ रहा था, जो LPG टैंकर ब्लास्ट की चपेट में आ गई। हादसे में कपिल बुरी तरह झुलस गया। उसे एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलने पर मैं, उसके माता-पिता और बहन आनन फानन यहां पहुंचे। घंटों इंतजार के बाद भी हमें उससे मिलने नहीं दिया गया। एक के बाद एक वार्ड से निकलती लाशें देख घबराहट हो रही थी। एक वार्ड बॉय से विनती की। उसने वीडियो दिखाया, जिसमें कपिल का पूर चेहरा, दोनों हाथ जले हुए थे।
फौजीराम का भांजा कपिल भी हादसे का शिकार हुई स्लीपर बस में सवार था।
भाई को फोन किया- मेरे कपड़े जल गए, दूसरे लेकर आओ हादसे में 60% झुलसे कानोता (जयपुर) निवासी लालाराम के भाई रवि ने बताया- लालाराम महिंद्रा सेज में जॉब करता है। सुबह वह काम पर जाने के लिए घर से निकला था। करीब पौने छह बजे उसका कॉल आया कि मैं जल गया हूं। मेरे कपडे़ भी जल गए हैं। दूसरे कपड़े लेकर आ जाओ। रवि जब घटनास्थल पहुंचे तो देखा की वहां चारों और धुआं और गैस की बदबू थी। लोग दर्द से कराह रहे थे।
बड़ी मुश्किल से उन्होंने लालाराम को ढूंढा। उनका हाथ-पैर और चेहरा झुलस गया था। दोनों आंखों की पलकें चिपक गई थीं। उन्हें दिखने में भी परेशानी हो रही थी। एसएमएस के बर्न वार्ड में भर्ती होने वाले वह तीसरे गंभीर पेशेंट थे।
रवि का भाई लालाराम हादसे में 60 फीसदी तक झुलस गया।
गैस की बदबू के कारण वापस मुड़े, बाइक बंद हो गई, ब्लास्ट में झुलसे नरसिंहपुरा के रमेश शर्मा रोज की तरह अपनी पत्नी नीरा के साथ C स्कीम काम पर जाने के लिए सुबह 5.30 बजे निकले थे। बाइक पर कुछ दूर चलने के बाद ही नीरा को गैस की बदबू आई। उन्होंने पति रमेश को इस बारे में बताया और वापस चलने को कहा। जैसे ही वो मुड़ने लगे उनकी बाइक बंद हो गई। जैसे-तैसे बाइक स्टार्ट कर दोनों एक दो-तीन गाड़ी ही क्रॉस कर पाए थे कि विस्फोट हो गया और दोनों झुलस गए। दोनों को 50 से 60% बर्न है। रमेश के हेलमेट का प्लास्टिक पूरी तरह पिघल गया। अंदर लगा थर्माकोल पिघलकर उनके सिर में चिपक गया है। उनके बेटे देव शर्मा ने बताया कि मम्मी-पापा ठीक हैं। बातचीत कर रहे हैं। पापा का चेहरा और शरीर का काफी हिस्सा जल गया है। बोलने में तकलीफ है।
मरीजों के पास नहीं जाने दिया जा रहा सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने बताया कि भर्ती पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। जो बहुत सीरियस हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ट्रीटमेंट मिल रहा है। किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। इनफेक्शन के कारण मरीजों के पास किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। मैं भी 15 कदम की दूरी से ही पीड़ितों का हाल-चाल पूछकर आया हूं।
एक झलक पाने के लिए हाथ-पैर जोड़ रहे अपनों का हाल जानने के लिए इमरजेंसी और उसके ऊपर बने बर्न वार्ड आईसीयू में सुबह से ही गहमागहमी थी। वार्ड से निकलते कफन में लिपटे हर शव को देखकर बेचैनी बढ़ रही थी। आंसू बह रहे थे। अपनों को एक नजर देखने के लिए गाड्र्स के सामने हाथ जोड़कर विनती कर रहे थे।
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एक शव, जिसके न सिर और न पैर। सिर्फ धड़-धड़। दूसरे शव के नाम पर सिर्फ हडि्डयां। वो भी कट्टे में बांधकर लाई हुई। तीसरे में मांस के लोथड़े। जयपुर-अजमेर मार्ग पर हुए हादसे के बाद ये दिल दहलाने देने वाले दृश्य जयपुर के लोगों ने शुक्रवार को देखे। (पूरी खबर पढ़ें)
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